पडरौना घराना
पडरौना घराना उत्तर प्रदेश के (देवरिया) कुशीनगर जनपद के अंतर्गत आता है ,
इस रियासत के राजाऔ और उनके पुत्रो में संगीत और साहित्य के प्रति अगाध
स्नेह रहा ! इश्वरी प्रताप नारायण सिंह उनके पुत्र उदित नारायण सिंह ,ब्रज
नारायण सिंह आदि के दरबार में ध्रुपद गायकों का खूब सम्मान हुआ !
इस घराने के संस्थापक श्री गणेश मलिक थे ! इस घराने के पंडित
राम प्रसाद मलिक को सर्वोच्य गयानाचार्या और संगीत सम्राट मना जाता था !
आप परमेश्वर मलिक के पुत्र थे , इन्हें कई हजार ध्रुपद धमार कंठस्थ थे
,इसके अतिरिक्त ख्याल ,चतुरंग ,त्रिवट ,टप्पा ,तराना और होली गीतों का अछय
भंडार था , इस घराने के गायक मलिक उप नाम से विख्यात थे इस घराने के
गायकों को मलिक की उपाधि प्राप्त थी ! यह इनकी वंसीया उपाधि है !
इस घराने की विशेस्ताये
(१) जोरदार और पल्लेदार आवाज में ध्रुपद गायन स्वरों के साथ -२ शब्दों की शुद्धता और स्पस्तीकरण इस घराने की विशेषता है.
(२) ध्रुपद की खंडार और गौहार वाणी के गायन में दछता तथा लय प्रधान बंदिशों का प्रयोग .
(३) नोम टॉम की सुदीर्घ अलापचारी ,लय के बिभिन्न चमत्कार तथा द्रुत लय में गमक की चमत्कारी उपज .
(४) स्वर प्रधान गायकी होने के कारण गायन में निरंतर माधुर्य भाव रहता है .स्वर शबद और लय प्रधान गायन को बहुत उचाइयो पर पहुचाया .
(५) इस घराने में अधिकतर संकरा , हिंडोल ,दरबारी कन्ह्नरा ,सिदूरा ,बिहाग, बसंत, आदि राग गाये जाते थे .
इस घराने के ध्रुपद धमार गायक
पंडित राम प्रसाद मलिक ,पंडित कृष्ण कुमार मलिक ,पंडित श्याम शंकर मलिक, राम चतुर मलिक , ओम प्रकाश मलिक , आदि
इस घराने के ख्याल गायक
पंडित जमुना प्रसाद मलिक , शम्भू नाथ मिश्र
इस घराने के तबला वादक
पंडित लाल जी मिश्र
नोट :- उपरोक्त बिवरण संगीत मणि भाग १ (डा. महारानी शर्मा ) के आधार पर दिया गया है .
पंडित कामेश्वर नाथ मिश्र ने अपनी पुस्तक काशी
की संगीत परम्परा में इस घराने का उल्लेख पडरौना नाम से किया है परन्तु
विस्तृत विवरण नहीं दिया है .